रक्षाबंधन 2025: भाई-बहन के प्रेम का पर्व, शुभ मुहूर्त और खास ज्योतिषीय संयोग
रक्षाबंधन, जो भाई और बहन के अटूट स्नेह व विश्वास का प्रतीक है, आज पूरे देश में पारंपरिक हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस विशेष अवसर पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र (राखी) बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करेंगी, वहीं भाई भी उपहार और प्रेम का प्रतीक स्वरूप बहनों को तोहफे देंगे। घर-परिवारों में इस पर्व को लेकर उत्साह का खास माहौल है।
इस बार रक्षाबंधन क्यों है विशेष?
इस वर्ष रक्षाबंधन पर आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, सर्वार्थसिद्धि योग और जयद योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो इसे और अधिक शुभ बना रहा है।
पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त 2025 को दोपहर 1:40 बजे से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 को दोपहर 1:24 बजे तक रहेगी।
उदयव्यापिनी पूर्णिमा को रक्षाबंधन मनाने की परंपरा के कारण यह पर्व आज, 9 अगस्त 2025 को मनाया जा रहा है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
- सर्वश्रेष्ठ समय: सूर्योदय 5:27 AM से दोपहर 1:24 PM तक
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: दोपहर 1:24 PM
- भद्रा का अभाव: इस बार भद्रा नहीं है, इसलिए पूरे दिन शुभ समय माना जाएगा।

नोट: राहुकाल का समय सुबह 9:07 AM से 10:47 AM तक है। इस दौरान राखी बांधना अशुभ माना जाता है, इसलिए बहनों को इस समय से बचना चाहिए।
रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय
- आरंभ: 05:47 AM
- समापन: 01:24 PM
- अवधि: 7 घंटे 37 मिनट
यदि शुभ मुहूर्त छूट जाए तो?
ज्योतिष के अनुसार, इस वर्ष अशुभ ग्रहों की दृष्टि नहीं है, इसलिए यदि आप विशेष समय में राखी नहीं बांध पाते, तो दिन में कभी भी बांध सकते हैं। हालांकि, श्रेष्ठ फल पाने के लिए प्रातःकाल का समय सबसे उत्तम माना गया है।
रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते का सशक्त प्रतीक है। यह त्यौहार प्रेम, विश्वास और सुरक्षा की भावना को बढ़ाता है।
सामाजिक दृष्टि से यह पारिवारिक एकता, प्रेम और सामंजस्य को प्रोत्साहित करता है।